Menu
blogid : 15919 postid : 729244

यादें

kavita
kavita
  • 142 Posts
  • 587 Comments
कच्ची धान की बालों की मीठी सी महक ,
पहली फुहारों में माटी की सोंधी सी गमक ,
भीगते मौसम में खुमारी की हलकी सी खुनक ,
सब याद आता है जब तेरी याद आती है ;
अधमुंदी आँखों के वो प्यारे सपने
रात पत्तों पे पड़ती वो ओस की बूँदें
तुम भी तो खो गए थे इनकी तरह
ढूँढा कितना था ;मेरे बचपन —–
———————————-तुम कहाँ हो –?
कच्ची धान की बालों की मीठी सी महक ,
पहली फुहारों में माटी की सोंधी सी गमक ,
भीगते मौसम में खुमारी की हलकी सी खुनक ,
सब याद आता है जब तेरी याद आती है ;
अधमुंदी आँखों के वो प्यारे सपने
रात पत्तों पे पड़ती वो ओस की बूँदें
तुम भी तो खो गए थे इनकी तरह
ढूँढा कितना था ;मेरे बचपन —–
———————————-तुम कहाँ हो –?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh